केस स्टडी

विज्ञापन काउंसिल और लव हैज़ नो लेबल्स

Facebook पर पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट के ज़रिए एशियन पैसिफ़िक आइलैंडर कम्युनिटी के खिलाफ़ होने वाले पक्षपात का मुकाबला करना

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID-19) ने एशियन पैसिफ़िक आइलैंडर (API) कम्युनिटी के खिलाफ़ होने वाली नस्लीय हिंसा और नफ़रत फैलाने वाली भाषा को बहुत बढ़ा दिया है. इससे निपटने के लिए, विज्ञापन काउंसिल के लव हैज़ नो लेबल्स कैंपेन ने API कम्युनिटी के खिलाफ़ होने वाले पक्षपात, भेदभाव और उत्पीड़न से निपटने के लिए अपनी नई पहल “फ़ाइट द बायस, फ़ाइट द वायरस” को लॉन्च किया है.

पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट कैंपेन का मकसद, COVID-19 आपदा के दौरान नस्लवाद या नफ़रत का सामना कर चुके API कम्युनिटी के अलग-अलग लोगों के निजी अनुभव शेयर करके उनके लिए सहानुभूति पैदा करना था. मोबाइल-फ़र्स्ट विज्ञापन ऑडियंस को माइक्रोसाइट पर डायरेक्ट करते थे, जिसका मकसद API कम्युनिटी के बारे में COVID-19 से जुड़े निराधार पक्षपात के बारे में जागरूकता बढ़ाना, लोगों को भेदभाव के बारे में जानकारी देना और API कम्युनिटी के सपोर्ट में एक्शन लेने के लिए लोगों को जुटाना था.

कैंपेन में पहुँच और वीडियो व्यू उद्देश्य का उपयोग किया गया. साथ ही, इसमें अमेरिका में 18 साल से ज़्यादा की उम्र वाले लोगों से कनेक्ट करने के लिए दिलचस्पी और समान दिखने वाली ऑडियंस का उपयोग किया. दिलचस्पी रखने वाले लोगों में वे लोग शामिल थे जो लव हैज़ नो लेबल्स कैंपेन द्वारा प्रमोट किए जाने वाले मुद्दों से सहानुभूति रखते हैं - जैसे कि LGBTQ अधिकार, जातीय न्याय, सामाजिक न्याय और बदलाव. इसके बाद उन्होंने शौक के आधार पर समान दिखने वाली ऑडियंस बनाई, ताकि और ज़्यादा प्रासंगिक लोगों तक पहुँच सकें.

अमेरिका में कैंपेन 44 मिलियन लोगों तक पहुँचा और इसने मुख्य रूप से Facebook मोबाइल फ़ीड में 108 मिलियन इंप्रेशन जेनरेट किए. इन विज्ञापनों को 10 मिलियन बार वीडियो के शुरू होने से पहले चलाया गया और इन्हें 1,16,000 वेब सेशन मिले.