सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन
8 नवंबर, 2023
जब राजनीति या सामाजिक मुद्दों से जुड़े विज्ञापन AI या डिजिटल तरीकों का उपयोग करके बनाए जाते हैं, तो उसके बारे में लोगों को जानकारी देना
कुछ मामलों में, हमने विज्ञापनदाताओं के लिए यह ज़रूरी बनाया है कि वे जब भी डिजिटल तरीके से राजनीति या सामाजिक मुद्दों से जुड़ा विज्ञापन बनाएँ या उसमें बदलाव करें, तो उसके बारे में खुलासा करें

3 जनवरी, 2024 को 6 am PST बजे अपडेट हुआ
गुरुवार, 11 जनवरी से, सामाजिक मुद्दों, चुनाव और राजनीति से जुड़े विज्ञापनों के लिए नई डिस्क्लोज़र पॉलिसी प्रभावी हो जाएगी. जैसा कि हमने नवंबर में घोषणा की थी, जब भी कोई विज्ञापनदाता नीचे आर्टिकल में दी गई परिस्थितियों या घटनाओं को दर्शाने के लिए अपने विज्ञापन को दिखाता है, जिसमें असली लगने वाली फ़ोटो या वीडियो या फिर बिलकुल असली लगने वाले ऑडियो का उपयोग हुआ है और वह विज्ञापन डिजिटल तरीके से या AI से बनाया गया है या फिर किसी अन्य तरीके का उपयोग करके बनाया गया है, तो इस मामले में उन्हें इसका खुलासा करना होगा.
उससे पहले, विज्ञापनदाता यह बताने के लिए, मंगलवार, 9 जनवरी, 10 am PST से एक्टिव विज्ञापनों को अपडेट करना शुरू कर सकते हैं कि उनमें डिजिटल तरीके से बनाया या बदला गया कंटेंट है या नहीं.
��्यादा जानकारी के लिए, बि���़नेस हेल्प सेंटर पर जाएँ. API का उपयोग करने वाले विज्ञापनदाता और पार्टनर्स के लिए, कृपया हमारे Meta for Developers रिसोर्स देखें.


कई बार सामाजिक मुद्दे, चुनाव या राजनीति से जुड़े विज्ञापन डिजिटल तरीके का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जिनमें AI का उपयोग भी शामिल होता है. कोई विज्ञापन डिजिटल तकनीक से बनाया गया है, यह बात लोगों को आसानी से समझाने के लिए हम एक नई पॉलिसी की घोषणा कर रहे हैं. यह पॉलिसी नए साल से पूरी दुनिया में लागू हो जाएगी.
असल में दिखने वाली फ़ोटो या वीडियो या सुनने में असली लगने वाला ऑडियो से जुड़ा विज्ञापन दिखाते समय विज्ञापनदाताओं के लिए यह बताना ज़रूरी होगा कि यह विज्ञापन इन कामों को करने के लिए डिजिटल तकनीक से बनाया गया है:
- किसी असल व्यक्ति को कुछ ऐसा कहते हुए या करते हुए दिखाना जो कि उसने न तो किया हो और न ही कहा हो; या
- असली जैसा दिखने वाले व्यक्ति को दिखाना, जो कि असलियत में है ही नहीं या किसी असली जैसी घटना को दिखाना जो कि असल में हुई ही नहीं हो, या फिर किसी असली घटना से फ़ुटेज लेकर तोड़-मरोड़ कर पेश करना, या फिर
- एक असली जैसी घटना को दिखाना, जो कथित रूप से हुई थी, लेकिन दिखाई गई फ़ोटो, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग उस ईवेंट की नहीं हो.
अगर विज्ञापनदाताओं ने विज्ञापनों में डिजिटल रूप से कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जिनका ऊपर लिखी गईं बातों से कोई लेना-देना नहीं है, तो उन्हें यह बात बताने की ज़रूरत नहीं है. इन बदलावों में फ़ोटो के साइज़ को अपने मनमुताबिक एडजस्ट करना, किसी फ़ोटो को क्रॉप करना, उसके रंग को ठीक करना, शार्प करना जैसे अन्य बदलाव शामिल हैं, जब तक कि इनका विज्ञापन से जुड़ी समस्या से लेना-देना न हो.
जब भी कोई विज्ञापनदाता किसी विज्ञापन फ़्लो में यह बताता है कि यह कंटेंट डिजिटल तकनीक से बनाया गया है और कंटेंट में बदलाव किया गया है, तो Meta, ऑडियंस के लिए इस जानकारी को विज्ञापन पर जोड़ता है. यह जानकारी विज्ञापन लाइब्रेरी में भी दिखाई देगी. अगर हम किसी विज्ञापन के रिव्यू के दौरान यह पाते हैं कि कोई विज्ञापनदाता शर्तों के अनुसार हमें विज्ञापन से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं दे रहा है तो हम विज्ञापन को अस्वीकार कर देंगे. बार-बार ऐसा होने पर विज्ञापनदाता पर जुर्माना लग सकता है. विज्ञापन बनाने की प्रोसेस के दौरान जिस ख़ास प्रोसेस से विज्ञापनदाता गुजरेंगे, हम उन्हें उसके बारे में ज़्यादा जानकारी देंगे.
हर बार की तरह, हम AI या किसी व्यक्ति द्वारा बनाए गए ऐसे कंटेंट को हटा देते हैं, जो हमारी पॉलिसी का उल्लंघन करता है. हमारे निष्पक्ष फ़ैक्ट-चेकर्स गलत जानकारी फैलाने वाले वायरल कंटेंट को रिव्यू करते हैं और उन्हें रेट करते हैं. हम अपने प्लेटफ़ॉर्म पर किसी भी ऐसे कंटेंट की परमिशन नहीं देते जिसे गलत, तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए, कुछ हद तक गलत, या बिना संदर्भ के तौर पर रेट किया गया हो. उदाहरण के लिए, अगर हमारे फ़ैक्ट चेकर्स की नज़र में कोई ऐसा कंटेंट आता है जिसे AI या अन्य डिजिटल टूल का उपयोग करके जानबूझकर लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाया या एडिट किया गया है, तो वे उस कंटेंट को "छेड़खानी किया गया कंटेंट" रेट कर सकते हैं.